जनवरी माह में लगाएं ये 12 सब्जियां: कम लागत में कमाएं लाखों का मुनाफा ; जनवरी का महीना किसानों के लिए नई उम्मीदें लेकर आता है। यदि आप पारंपरिक खेती से हटकर सब्जी उत्पादन के जरिए अच्छी कमाई करना चाहते हैं, तो जनवरी में सही फसलों का चुनाव करना बहुत जरूरी है। उत्तर भारत जैसे अत्यधिक सर्दी वाले क्षेत्रों में फसलों को पाले से बचाने के लिए क्रॉप कवर या टनल विधि अपनानी चाहिए, जबकि कम सर्दी वाले इलाकों में इन्हें सीधे खेतों में लगाया जा सकता है। बुवाई से पहले खेत की अच्छी जुताई करें और बेड बनाकर उसमें उचित मात्रा में खाद और उर्वरक (जैसे डीएपी, पोटाश, यूरिया और सल्फर) का प्रयोग करें।
जनवरी माह में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों की विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है:
-
भिंडी: जनवरी के अंत में (20-25 जनवरी के बाद) भिंडी लगाना सबसे अधिक मुनाफे का सौदा है। इस समय की भिंडी शुरुआती अवस्था में ही फल देने लगती है और मंडी में इसके दाम ₹50 से ₹70 प्रति किलो तक मिल सकते हैं। अच्छी देखभाल से एक एकड़ में ₹2 से ₹3 लाख तक की कमाई संभव है।
-
शिमला मिर्च: जनवरी के प्रथम सप्ताह में शिमला मिर्च लगाना बहुत फायदेमंद रहता है। यह फसल पूरे साल अच्छे रेट देती है और इसकी तुड़ाई करना भी आसान होता है। सर्दी वाले इलाकों में इसे पाले से बचाने के लिए क्रॉप कवर का उपयोग करना आवश्यक है।
-
हरी मिर्च: हरी मिर्च को साल भर बेचा जा सकता है। जनवरी में लगाई गई मिर्च से प्रति एकड़ ₹3 लाख से ₹5 लाख तक का उत्पादन लिया जा सकता है। अपने क्षेत्र की मांग के अनुसार तीखी या अचारी किस्मों का चुनाव करें।
-
ग्वारफली: ग्वारफली में बीमारियों का खतरा कम होता है और इसमें बहुत अधिक क्षमता है। जनवरी में लगाई गई ग्वारफली जुलाई-अगस्त तक चलती है। शुरुआत में इसके दाम ₹100 प्रति किलो तक मिल सकते हैं और उत्पादन बढ़ने पर भी यह ₹30 प्रति किलो से नीचे नहीं गिरती।
-
फूल गोभी: इस समय फूल गोभी लगाने पर खर्च बहुत कम आता है। सर्दियों में इसके पत्तों की ग्रोथ अच्छी होती है, जिससे फूल का वजन (1.5 से 2 किलो) काफी अच्छा बैठता है और मंडी में भी अच्छे दाम मिलते हैं।
-
टमाटर: टमाटर एक ऐसी फसल है जो किसानों को रातों-रात अमीर बना सकती है। मध्य और दक्षिण भारत में इसे सीधे खेतों में लगाया जा सकता है, जबकि उत्तर भारत में सुरक्षात्मक कवर की जरूरत होती है।
-
खीरा: जनवरी में बेड और मल्चिंग पेपर पर खीरा लगाना लाभदायक है। इस समय बीमारियाँ और वायरस का खतरा कम रहता है। इसके लिए किसी विशेष सहारे (स्टेकिंग) की जरूरत नहीं होती, बेलें जमीन पर फैलकर अच्छा उत्पादन देती हैं।
-
करेला: करेले की अगेती खेती के लिए जनवरी उपयुक्त है। अधिक ठंड वाले क्षेत्रों में मल्चिंग और क्रॉप कवर का प्रयोग करें ताकि फसल जल्दी तैयार हो और जब बाजार में आवक कम हो, तब आप ऊंचे दाम पर बेच सकें।
-
लौकी: बेलवर्गीय फसलों में लौकी सबसे अधिक मुनाफा देने वाली फसल रही है। इसे खेत के चारों ओर या अलग बेड पर लगाया जा सकता है।
-
तोरई (गिलकी): लौकी की तुलना में तोरई के दाम बाजार में और भी बेहतर मिलते हैं। इसे भी बेड विधि और सुरक्षात्मक कवर के साथ लगाया जा सकता है।
-
तरबूज और खरबूजा: गर्मियों की मांग को देखते हुए जनवरी में इनकी बुवाई करना बुद्धिमानी है। विशेषकर रमजान के दौरान इनकी बहुत मांग रहती है। खरबूजे की खेती में निमेटोड से बचाव के लिए विशेष सावधानी और अच्छे बीजों का चयन जरूरी है।
-
प्याज: पिछले साल के खराब प्रदर्शन के बाद 2026 में प्याज के दाम बढ़ने की उम्मीद है। रबी प्याज को लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है, जिससे आप सही समय पर इसे बेचकर अच्छा लाभ कमा सकते हैं।